●अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कई सालों से बंद ग्रामीणों में आकोश
कहलगांव: केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक स्वास्थ व्यवस्था को सुधार करने के लिए लाख दावे पर दावे कर ले लेकिन बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
आज हम ऐसे ही संहौला प्रखंड अंतर्गत स्थित स्वास्थ्य केंद्र की बात करने जा रहे हैं,जिस स्वास्थ्य केंद्र ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रखी है।
ऐसा ही ताजा मामला भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव अनुमंडल के सनहौला प्रखंड क्षेत्र के सनहौला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित पोठिया गांव से आ रही हैं।
इस गांव में बने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बारे में ग्रामीण रोशन कुमार, बिनोद दास,सुबोध कुमार, अनिल दास,वकील दास, रंजीत दास, ध्रमेन्द्रर दास अजय दास,गणेश दास, उचित दास, दिनेश दास आदि ने बताया कि पोठिया पंचायत जनसंख्या घनत्व के मामले में भी काफी बड़ा है,
और यहां 70 लाख रुपये की लागत से दो वर्ष पूर्व उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया हैं। निर्माण होने के बाद धूमधाम से इसका विधिवत उद्घाटन किया गया था यहां के ग्रामीणों में आस जगी थी कि इमरजेंसी में प्रसव पीडित महिलाओं को दूर नहीं जाना पड़ेगा।
गांव के ही अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य में महिलाओं का प्रसव कराया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिला। हालांकि हमलोगों ने विभाग से एक बार शिकायत करने के बाद सनहौला के स्वास्थ्य कर्मी बहुत दिन पहले आये थे। उसके बाद आज तक कभी भी कोई स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं आया।
उद्घाटन करने के कुछ दिन बाद से ही बंद पड़ा हुआ है जिसका फायदा यहां के पशुपालकों द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के बने बरामदा पर गाय - भैस बंधकर रखा जाता है। यहां के ग्रामीणों इस स्वास्थ्य केंद्र को शुरू करने की मांग काफी दिनों से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी से कर रहे हैं।
लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड रहा है कोरोना काल में भी स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा रहा। इस बात को लेकर यहां के ग्रामीणों में स्वास्थ्य के प्रति काफी आक्रोश है।
-ब्यूरो रिपोर्ट:-बालकृष्ण कुमार
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