हनवारा : सोमवार को महागामा प्रखंड मुख्यालय स्थित हनवारा पंचायत भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला आजीविका सखी मंडल संकुल हनवारा क्लस्टर के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में महागामा पश्चिमी जिला परिषद बीबी नगमा आरा उपस्थित हुई। हनवारा क्लस्टर के सभी महिला आजीविका सखी मंडल के सदस्य उपस्थित हुई।
इस दौरान जीप सदस्य बीबी नगमा आरा ने सम्बोधित करते हुए सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का सभी को शुभकामनाएं दी। उसके बाद उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य है महिलाओं को अपने लिए निर्णय लेने में सक्षम बनाने हेतु शक्तिशाली बनाना है। कई शताब्दियों पहले महिलाओं का अस्तित्व ना के बराबर था।
लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता गया महिलाओं को अपने अस्तित्व और शक्ति का एहसास हुआ। तभी से लेकर आज तक महिलाओं के समाजिक उत्थान के लिए आंदोलन किये जा रहे है। पहले महिलाओं को निर्णय लेने की अनुमति या खुले आकाश में उड़ने के सपने देखने तक की आज़ादी नहीं थी। हमारे देश में पुरुष शासित समाज की परंपरा सदियों से चली आ रही है। वहां पर महिलाओं को हमेशा उनपर निर्भर रहना पड़ता था।
इसी वजह से आज महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।महिलाएं को सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर कई अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। कई क्षेत्र में समान कार्य करने के बावजूद भी महिलाओं को पुरुषो के मुकाबले कम पैसे दिए जाते है। इस तरीके की भावना समाज में पुरुषो और महिलाओं के बीच असमानता की रेखा को खीचता है।
महिलाओं की उन्नति के आगे अनगिनत बाधाओं का कारण कहीं न कहीं सामाजिक जाने या अनजाने ज़िम्मेदार है। कई गांव में लड़कयों को आज भी पढ़ने तक की सुविधा नहीं दी जा रही है। भारत में महिलाओं का शैक्षिक दर पुरुषों की तुलना में कम है। इसके पीछे है रूढ़वादी समाज की सोच जो महिलाओं को आगे बढ़ने से पीछे रोकती है।
वहीं इस मौके पर अंगूरी खातून, आरती देवी, गीता देवी एवं जुली देवी सहित दर्जनों सखी मंडल की सदस्य उपस्थित थीं।
- उजागर मीडिया टीम, हनवारा।
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