लापरवाही- हनवारा मुख्य सड़क के गड्ढे मरोमत्ती करने के नाम पर की गई खानापूर्ति, कार्यपालक अभियंता ने सड़क मरोमत्ती का दिया था निर्देश

     मरोमत्ती के बाद भी सड़क पर दर्जनों गड्ढा

● संवेदक द्वारा सड़क के गड्ढे की मरोमत्ती के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

● कार्यपालक अभियंता के निर्देश के बाद भी सड़क पर गड्ढा मौजूद


गोड्डा:  हनवारा नायनगर मुख्य सड़क गड्ढे की स्थिति मरोमत्ती के बाद भी बेहाल हैं।अभी भी सड़को पर गड्ढे की कमी नहीं है। 

मालूम हो कि हनवारा नयानगर मुख्य सड़क की जायजा लेने लगभग एक सप्ताह पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मुन्ना लाल हनवारा पहुंचे थे जहां जर्जर सड़क का निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण के बाद सड़क के बीचो-बीच बने बड़े-बड़े गड्ढे को देखें थे। 

जिस दौरान कार्यपालक अभियंता ने अविलंब सड़क मरम्मत करने का निर्देश संबंधित कंट्रक्शन एसके टेकरीवाल को दिया था साथ ही सड़क के किनारे बनाए गए नाले की साफ- सफाई कराने का भी निर्देश दिए थे। 

उन्होंने  2 से 3 दिनों के अंदर गड्ढे में मटेरियल डालकर मरम्मत करने का निर्देश दिया था। चुकी सड़क के बीचो-बीच बना गड्ढा बरसात के दिनों में काफी खतरनाक हो गया था जिसके कारण वाहनों का परिचालन बाधित हो जाता था।

हनवारा हाट के निकट गड्ढे इतने बड़े हो गए थे कि हर दिन गाड़ी उसमें फंस जा रही थी जिसके कारण और गाड़ियों की लंबी कतारे लग जाती थी जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता था। स्थानीय लोगों का कहना है कार्यपालक अभियंता का सारा निर्देश सड़क के ठेकेदारों के सामने फिंके पड़ गए।

ठेकेदार ने हनवारा नयानगर मुख्य मार्ग की मरोमत्ती तो की लेकिन दिखाबे के लिए यानी कि कही  जाय तो सिर्फ सड़क के गड्ढे भरने के नाम पर खानापूर्ति की गई हैं।अभी भी सड़क पर बने गड्ढे में राहगीर गिरकर घायल हो रहे हैं। 

ज्ञात हो कि ढाई वर्ष पूर्व एसके टेकरीवाल कंपनी के द्वारा 21 किलोमीटर पीडब्ल्यूडी सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था।जिसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण जहां-तहां सड़क के बीचो-बीच बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। 

गड्ढा होने का दूसरा कारण भारी भरकम गिट्टी, पत्थर लोड वाहनों का परिचालन भी एक कारण है।  इस दौरान करीब डेढ़ किलोमीटर कार्य नयानगर से नरैनी, कोयला और परसा के बीच 500 मीटर आदि उक्त पथ को भी मरम्मत करने का निर्देश दिया गया था ताकि छोटी वाहन का परिचालन हो सके।

 कार्यपालक अभियंता ने कहा कि 21 किलोमीटर सड़क मैं जहां भी गड्ढे है उस गड्ढे की मरम्मत भी की जाए ताकि वाहनों के परिचालन में कोई परेशानी नहीं हो। 

लोगों का कहना है कि विभाग के अधिकारियों की निर्देश दिए जाने के बाद भी संवेदक द्वारा लापरवाही बरती गई है।आखिर संवेदक सुने तो किसकी सुने।


                              -ब्यूरो रिपोर्ट:-जावेद अख्तर


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