श्रावणी मेले पर हाई कोर्ट का आया फैसला, ऑनलाइल होगा बाबा का दर्शन, मेला की अनुमति नहीं



राँची : बाबाधाम देवघर में पूजा को लेकर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए ऑनलाइन पूजा का आयोजन किया जायेगा।

चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की दो जजों की खण्डपीठ ने 30 जून को सुनवाई पूरी की थी।श्रावणी मेला को लेकर दायर जनहित याचिका पर सरकार की तरफ से कोर्ट में जबाव दिया गया कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सरकार मंदिर खोलने के पक्ष में नहीं है लेकिन प्रार्थी ने मंदिर खोलने और मेले की इजाजत देने का आग्रह किया दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सुरक्षित फैसला रख लिया है।


इस दौरान श्रद्धालु ऑनलाइन ही भगवान के दर्शन करेंगें।वहीं देश भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए किसी भी तरह के मेले के आयोजन पर भी रोक लगाया गया है। हर साल की तरह इस साल श्रावणी मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा।


गौरतलब है कि बालाजी,काशी विश्वनाथ और वैष्णो देवी में ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गयी है।उसी तरह देवघर के बाबाधाम मंदिर में भी ऑनलाइन दर्शन की अनुमती कोर्ट के तरफ से दी गयी है।

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर फैसला

ज्ञात हो कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने  राज्य सरकार से पत्र लिखकर बाबाधाम में पूजा करने की इजाजत  मांगा था। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार मंजूरी नहीं देती है तो,वो कोर्ट जाएंगे। अपने कहे अनुसार उन्होंने हाई कोर्ट में बाबाधाम में पूजा शुरू करने को लेकर जनहित याचिक दायर की थी।



                                       - ब्यूरो रिपोर्ट, उजागर मीडिया।
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