आर्थिक तंगी ने ली पारा शिक्षक और पारा शिक्षक की पत्नी की जान


गोड्डा : महागामा प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गोरंटीया में कार्यरत दिलीप कुमार यादव  हृदय संबंधी बीमारी से ग्रसित थे। जिसका इलाज कराने में आर्थिक समस्या उत्पन्न हो रही थी क्योंकि इन्हें अपने मूल विद्यालय गोरंटिया से उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय घाटगुड़िया में प्रतिनियोजित किया गया था।  बायोमेट्रिक उपस्थिति ना बनने के कारण नवंबर  एवं दिसंबर 19 का मानदेय नहीं मिल पाया वर्तमान में भी जून-जुलाई दो माह का मानदेय अप्राप्त है।

वहीं दूसरी घटना प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय संग्रामपुर में कार्यरत पारा शिक्षक अब्दुल जब्बार की पत्नी का भी आर्थिक समस्या के कारण ही इलाज न होने के कारण मृत्यु हो गई। प्रखंड के अध्यक्ष मो. नसीमउल हक ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा कहां गया था कि सरकार बनने के 3 महीने के अंदर ही पारा शिक्षकों की समस्याओं का  स्थायी समाधान करते हुए उनकी सेवा स्थायी एवं वेतनमान दे दिया जाएगा।

सरकार ने इस दिशा में कुछ पहल करते हुए पारा शिक्षकों के  नियमावली बनाई लेकिन दो माह बीतने जाने के बावजूद अब तक नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिल पाना सरकार की मंशा को बता रही है। आज शोकाकुल परिवार से मिलने गए पारा शिक्षक का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें अध्यक्ष ,  कोषाध्यक्ष मो अफसर हुसैन, नीरज कुमार, प्रमोद भारती, शंकर कुमार ,मोहम्मद मुर्तजा, वीरेन साह, जय किशन गुप्ता , मो इरशाद ,लक्ष्मण राय ,प्रवीण आदि  ने संयुक्त रुप से कहा कि हम पारा शिक्षक एक-एक कर  अपने साथी को खो रहे लेकिन मृत्यु के बाद पारा शिक्षकों को किसी भी प्रकार का कोई लाभ  नहीं मिल पा रहा है। जिससे परिवार  में एक साथ कई समस्या उत्पन्न हो जाती है।   

 - जावेद अख्तर, उजागर मीडिया ब्यूरो।
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