हनवारा: भारतीय संविधान के निर्माता एवम भारत रत्न से सम्मानित डॉ भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती हनवारा मंडल के भोजुचक गांव में उनके प्रतिमा पर भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष दिलीप पासवान, महिला मोर्चा की अध्यक्षा माला देवी एवम कुशमहरा पंचायत के मुखिया मुन्ना रविदास ने माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई गई।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष ने उपस्थित जनताओं को संबोधित करते हुए डॉ साहब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा भीम राव अंबेडकर को सामाजिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा था।
विद्यालयी पढ़ाई में सक्षम होने के बावजूद छात्र भीमराव को छुआछूत के कारण अनेक प्रकार की कठनाइयों का सामना करना पड़ता था।
आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे।
उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे। व्यावसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता।
इसके बाद आम्बेडकर भारत की स्वतन्त्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
हिन्दू पन्थ में व्याप्त कुरूतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकार सन 1956 में उन्होंने बौद्ध पन्थ अपना लिया था। सन 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था।
14 अप्रैल को उनका जन्म दिवस आम्बेडकर जयन्ती के तौर पर भारत समेत दुनिया भर में मनाया जाता है। डॉक्टर आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में भाजपा के हनवारा मण्डल के उपाध्यक्ष संजय संगम, महामंत्री श्याम सुंदर गुप्ता, मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा, गोड्डा जिला कार्यसमिति सदस्य जिच्छु रविदास,सरला देवी, सुभाष राय, उमेश यादव, राजेश भगत एवम अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे
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