हनवारा : बीते एक दशक से परसा अस्पताल खोखले स्वास्थ्य विभाग और चरमराई व्यवस्था का दंश झेल रहा है। बिना उदघाटन और बिना डॉक्टरों के यह अस्पताल शोभा की वस्तु बनी हुई हैं। हालांकि कई दिग्गज राजनेताओं से लेकर सूबे के मौजूदा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तक ने भी इस अस्पताल को चालू कराने के लिए सफर किया था।
लेकिन देखते ही देखते सरकारी आदेश एवं नेताओ के वादे सभी धीरे धीरे विफल होते गए। सबों के द्वारा इस अस्पताल को चालू करा देने की बात कहते हुए नही थक रहे थे। लेकिन इसका लाभ अब तक नही मिल पा रहा है। यकीन मानिए तो अब यह कहा जा रहा है कि अस्पताल का दर्शन ही इलाज का काम कर रहा है और करे भी तो क्यों नही क्योंकि अस्पताल बनाने में मोटी चौड़ी रकम जो लगा है।
क्षेत्र के विधायक ने भी कइयों बार कहा कि अस्पताल जल्द शुरू हो जाएगा और विधायक जी का कहना भी ठीक ही है क्योंकि सरकार में है। सरकार में रहने के बाद जब कोई विधायक कुछ बोले तो उसका बहुत अहमियत रखा जाता है। अब कहे हुए बात पर अमल करना या नही करना वो तो निजी मामला है। महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने चुनाव के पहले भी और चुनाव जीतने के बाद भी लगातार कहते आये है कि परसा अस्पताल जल्द चालू होगा।
लेकिन देखते ही देखते अब सूबे में यूपीए सरकार की दूसरी बरसी चल रही है। गौरतलब हो कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत यह इस कोरोना महामारी में ऐसी है कि निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। लेकिन इसी कड़ी में सरकारी अस्पतालों के लिए निर्मित 60 बेड वाली भवन अब तक वीरान पड़ा हुआ है।
एनडीए सरकार में भी परसा अस्पताल को चालू कराने की मांग काफी तेज हुई थी, लेकिन किसी ने भी इस अस्पताल को चालू कराना मुनासिब नही समझा । बहरहाल जब यूपीए की सरकार सूबे में आई तो क्षेत्र के लोगों की आस एक बार फिर से जाग उठी। लेकिन सरकार की दूसरे साल का कार्यकाल प्रगति पर है।
इसके बावजूद इस दिशा में कोई पहल नही होना क्षेत्र के लोगो के लिए कोई अच्छी खबर का संदेश नही है। अब दिलचस्प बात यह होगा कि समय रहते क्या यूपीए की सरकार परसा अस्पताल को चालू कराते है या नही
- उजागर मीडिया।

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