'स्माइल ट्रस्ट' बना गोड्डा का सोनू सूद, बेसहारों की कर रहा मदद, प्रशासन से भी गरीबों की सहयोग करने की मांग



हनवारा : जब से कोरोना की लहर आई हैं तब से ही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मध्यम वर्गीय परिवार की स्थिति काफी दयनीय हो गयी हैं। ऐसे में उनके ऊपर अपने परिवार का भरण पोषण भी ठीक से करना चुनौतियों से कम नही हैं। लोग दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। 

लेकिन जानकारों और पूर्वजों ने कहा है कि भगवान किसी भी रूप में उसे मदद करने वाला भेज देता हैं। रोजी रोटी देने वाला ऊपर वाला हैं, इंसान तो महज एक जरिया हैं। बिल्कुल इसी कहानी पर आधारित युवाओं का 'स्माइल ट्रस्ट' नामक ट्रस्ट हैं। जिस ट्रस्ट के द्वारा गोड्डा जिले भर में मदद पहुंचाई जा रही हैं। राहत सामग्री के साथ राशन, कुछ आर्थिक मदद भी कर रहे हैं। 

सोशल मीडिया के जरिये जानकारी मिलने पर तुरन्त मदद के लिए हाथ बढ़ा देते हैं। इनलोगों का एक मुहिम हैं कि कोई भी आदमी भूखा न रहे, एक दूसरे के दुख दर्द में शामिल होना ही असल इंसानियत होती हैं। जिले भर में ऐसे सैंकड़ों परिवारों को स्माइल ट्रस्ट के युवाओं द्वारा मदद की जा चुकी हैं। 

सेवा भाव से काम कर रहे स्माइल ट्रस्ट के सभी युवाओं को गरीबो की खुब दुआ भी मिल रही हैं। मान के चलिए की यह ट्रस्ट गोड्डा के सोनू सूद हैं। कोरोना के पहली और दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमित मरीजो को बेहतर इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती, ऑक्सीजन की व्यवस्था एवं घर घर जाकर ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल मापना यह सब कार्य स्माइल ट्रस्ट के युवाओं द्वारा की जा रही थी। 

तीसरी लहर के लिए भी इनलोगों ने कमर कस ली हैं। ताकि सरकार और जिला प्रशासन को भी आसानी हो। आगे आपको बताते चलें कि महागामा प्रखण्ड क्षेत्र स्थित परसा गांव में असलम के पूरे परिवार के ऊपर भरण पोषण करने को लेकर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था। किसी तरह लाचारी में रूखा सूखा भोजन करने पर मजबूर था। सिर छिपाने के लिए महज एक झोपड़ी नुमा घर हैं। उसी में पूरा परिवार रहता हैं। 

बरसात के मौसम को देखते हुए स्माइल ट्रस्ट के द्वारा उस झोपड़ी नुमा घर को मरम्मत करते हुए सूखा राशन, 50 किलो चावल, 10 किलो आलू, 2 किलो प्याज, 2 किलो तेल एवं आर्थिक मदद किया गया। मदद मिलने के साथ ही पूरे परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मानो उनलोगों के लिए ईद की खुशी हैं। इस खुशी के माहौल में परिवार वालो के आंखों से आंसू टपक गए। 

कहा कि कोई मदद करने वाला नही था, सफ्ताह दर सफ्ताह गुजर जाता था रूखा सूखा खाना खाते हुए। आज तक किसी ने भी मेरी मदद नही की थी। प्रशासनिक स्तर से भी कोई लाभ नही मिल रहा है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं से भी वंचित हैं। न तो प्रधानमंत्री आवास योजना, ना ही शौचालय और ना ही राशन कार्ड का लाभ मिला है। 

कैसे पूरे परिवार का गुजर बसर होगा इसी की चिंता हैं। गौरतलब हो कि सरकार और प्रशासन तो शहरों और बड़े बड़े महलों को देखते हैं, थोड़ा इन गरीबो को भी देखिए किस हाल में अपना एक एक दिन गुजर बसर कर रहा है। खाने के लाले पड़ रहे हैं। 

साथ ही साथ स्माइल ट्रस्ट के सचिव तफज्जुल हुसैन ने कहा कि हमलोगों को जानकारी मिला था कि इस लॉकडाउन के कारण परसा गांव के असलम के पारिवारिक हालत काफी दयनीय हो गयी हैं। इसी को लेकर स्माइल ट्रस्ट के द्वारा उक्त परिवार को सुखा राशन एवं आर्थिक मदद दी गयी हैं। साथ प्रशासन से भी मांग हैं कि उक्त परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय एवं राशन कार्ड से लाभान्वित करें। 

- ब्यूरो रिपोर्ट, उजागर मीडिया।

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