हनवारा : महागामा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित परसा पंचायत में स्ट्रीट लाइट के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है। राशि भी कम सम नही लगभग सात लाख रुपये का गड़बड़झाला सामने आया हैं। इस गड़बड़झाला का पर्दाफाश आरटीआई के द्वारा की गई हैं।
कागजी प्रक्रिया में तो पूरे पंचायत में 99 स्ट्रीट लाइट लगाकर मुखिया जी ने प्रखण्ड से लेकर जिला तक धूम मचा रखा था। लेकिन प्रखंड एवं जिला प्रशासन को इसकी जानकारी ही नही की धरातल पर कितनी लाइटें लगीं है। पंचायत में लाइट के नाम पर लाखों खर्च किये गए है।
लेकिन अब तक पंचायत दूधिया रौशनी से नही जगमगा पाई है। इसका मुख्य कारण यही है कि कुछ बिचौलिए और पंचायती राज के बड़े ओहदे वाले पद मुखिया जी सरकारी राशि से अपने जेब गर्म कर लिए। भला कौन नही करे, क्योंकि मुखिया जी भी जानते है कि यहां तो देखने कोई आएगा नही इसलिए दस्तावेजों को ही दूधिया रौशनी से जगमगा देते है।
जहां पूरे पंचायत में 99 स्ट्रीट लाइट लगाना था वहां महज 10 स्ट्रीट लगाया है। जहां 7 लाख 31 हजार 808 रुपये का लाइट लगाना था वहां महज 70 हजार का ही लाइट लगाया गया है। अब इसे आप सरकारी राशि का बंदरबांट नही कहेंगे तो क्या कहेंगे। मिली जानकारी के अनुसार महागामा प्रखण्ड के परसा पंचायत में वित्तीय वर्ष 2019 - 20 में 14 वें वित्त आयोग की राशि से स्ट्रीट लाइट लगाया जाना था।
दस्तावेजों की माने तो परसा पंचायत के द्वारा 99 स्ट्रीट लाइट की खरीदारी शारदा इंटरप्राइजेज देवघर से कुल 7 लाख 31 हजार 808 रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइट खरीदी गई है, जिनमे से एक लाइट की कीमत कुल मिलाकर 65 सौ 39 रुपये की लागत है । कागजो में 99 लाइट दिखाया गया है लेकिन ग्रामीणों की माने तो पूरे पंचायत में महज 10 लाइट लगाया गया है, और वो भी खराब अवस्था मे पड़ा हुआ है।
उन 10 खराब लाइटों को भी आजतक मुखिया द्वारा मरम्मत नही कराई गई है। अब सवाल ये उठता है कि जब इतनी बड़ी राशि निकाल कर मुखिया, पंचायत सचिव एवं बिचौलिए गटक गए है तो आखिर विभाग इतनी लापरवाह क्यों है। जहां सीधे तौर पर ही करीब 6 लाख रुपये का गबन हुआ हो वहां विभाग मूकदर्शक बनी हुई है। इसमे विभागीय अधिकारियों की भी मिलीभगत होने से इनकार नही किया जा सकता।
वहीं ग्रामीण अजमेर उर्फ मूसा, असलम प्रवेज, बाबर, जुम्मन, इमरान, जावेद एवं आरिफ सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग द्वारा स्ट्रीट लाइट योजना में परसा पंचायत में बहुत बड़ी सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है। जहां 99 लाइट की खरीदारी कागजो पर दिखाया गया है वहां पूरे पंचायत में महज 10 ही लाइट लगाया गया है।
वो भी खराब अवस्थाके पड़ा हुआ है। यह योजना वित्तीय वर्ष 2019 -20 का ही है। प्रखंड प्रशासन एवं जिला प्रशासन से यही मांग है कि उक्त गड़बड़झाला का कमिटी गठित कर उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कारवाई किया जाय।

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