महागामा में एक दिवसीय विचार गोष्ठी सह अंगिका कवि सम्मेलन का आयोजन



महागामा: महागामा प्रखंड मुख्यालय स्थित सर्वांगीण विकास परिषद भवन ऊर्जानगर गुदिया महागामा परिसर में रविवार को एक दिवसीय विचार गोष्ठी-सह-अंगिका कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।अंगिका साहित्य एवं शोध संस्थान झारखंड के बैनर तले अंगिका भाषा के उत्थान के लिए अंगिका विचार गोष्ठी-सह-अंगिका कवि उदघाटन झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सह पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र विधायक प्रदीप यादव,पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी,अनिरुद्ध प्रसाद विमल,डॉक्टर राधेश्याम चौधरी,डॉक्टर प्रदीप प्रभात,एवं डॉक्टर कयूम अंसारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ  किया गया। 

इस कार्यक्रम के मौके पर उपस्थित पोड़ैयाहाट विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक प्रदीप यादव ने अंगिका भाषा पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि अंगिका भाषा काफी पुरानी एवं समृद्ध भाषा है। जो कि बिहार एवं झारखंड राज्य के लगभग 22 जिलों में बोली जाती है। उन्होंने अंगिका भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु जोरदार वकालत करते हुए  कहा कि आगामी 16 दिसंबर 2021से झारखंड विधानसभा का सत्र चालू होने वाला है।

उस विधानसभा सत्र मे इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाने का काम करेंगे।कार्यक्रम के मौके पर उपस्थित पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने अंगिका भाषा के उत्थान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंगिका भाषा देश भर के कोने-कोने मे सात करोड़ लोग बोलते है। और यह एक मातृभाषा है।जो कि कोई भी बच्चा अपनी मां की गोद से ही बोलना शुरू कर देते हैं। 

उन्होंने कहा कि इस भाषा के प्रचार-प्रसार एवं उत्थान के लिए वह व्यापक स्तर से प्रयास करेंगे।इस भाषा के उत्थान के लिए पूर्व विधायक राजेश रंजन  ने जो अभियान चलाया है। इसे हर हाल में सफल बनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि अंगिका भाषा किसी विशेष समाज की भाषा नहीं है।बल्कि यह भाषा एक सर्वमान्य भाषा है। इस भाषा को हरेक धर्म एवं समाज के लोग बोलते हैं।एवं यह भाषा काफी प्रचलित भाषा है।

इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश रंजन ने कहा कि अंगिका भाषा को आठवीं सूची में दिलवाने के लिए उन्हें चाहे जितना भी प्रयास करना पड़ेगा। वह हर संभव प्रयास करेंगे।यही वजह है कि आज अंगिका भाषा के उत्थान के लिए  ऊर्जानगर महागामा में व्यापक स्तर पर सम्मेलन किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के मौके पर कवि शिरोमणि से सम्मानित डॉक्टर  राधेश्याम चौधरी ने  अंगिका भाषा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आम लोगों की भाषा अंगिका भाषा है।इस भाषा से हर किसी को प्रेम  करना चाहिए।और जल्द से जल्द इस भाषा को राज्य सरकार आठवीं अनुसूची में शामिल करें।ताकि स्कूली छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित रह सके। 

इस मौके पर बिहार बौसी से चलकर पहुंचे वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डॉक्टर अवरूद्ध प्रसाद विमल ने अंगिका भाषा पर विस्तृत रूप से प्रकाश  डालते हुए कहा कि अंगिका आम लोगो की भाषा है।यह भाषा सबसे पुरानी और गौरवशाली भाषा है। इस भाषा में उर्दू,हिंदी संस्कृत एवं अंग्रेजी सहित सारे भाषाओं का समावेश है। प्रोफेसर कयूम अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि अंगिका भाषा को झारखंड की आठवीं अनुसूची में शामिल कराकर ही दम लेंगे। 

इसके लिए जो भी करना पडे।उसे करने के लिए अंगिका भाषा बोलने वाले हर कोई तैयार है।कार्यक्रम के मौके पर कार्यक्रम मे पहूँचे सभी अतिथियों को फूलों का माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।इस अवसर पर उपस्थित सभी पत्रकारों,कलम कारों शायरों तथा कवियों को अंग वस्त्र तथा प्रशस्तिपत्र पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम के मौके पर जाने माने शेरो शायर एवं कवि कलीमुल्लाह परवाना, डॉक्टर राधेश्याम चौधरी,सुलेमान जहांगीर आजाद, आफताब आलम, डॉक्टर प्रदीप प्रभात, ब्रह्मदेव मंडल,एवं मधुलिका मेहता सहित अन्य कवियो ने एक से बढ़कर एक शेरो शायरी एवं कविता सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

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