जावेद रजा/गोड्डा :
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के सर्वोच्च नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से राज्यभर में शोक की लहर है। शोक की इस घड़ी में झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री सह महागामा विधायक श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने संवेदना संदेश में कहा कि गुरुजी के जाने से जैसे पूरा झारखंड अनाथ हो गया है। उनका जाना सिर्फ एक युग का अंत नहीं है, बल्कि झारखंड की आत्मा का एक टुकड़ा हमारे बीच से चला गया है।
दीपिका पाण्डे सिंह ने कहा कि दिशोम गुरु केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे एक विचारधारा, एक आंदोलन और संघर्ष की जीवित मिसाल थे। “उनकी आवाज़ में आदिवासियों का दर्द था और उनकी आंखों में झारखंड के सपनों की चमक, उन्होंने कहा। वे आदिवासी, दलित और वंचित समुदायों की आवाज़ बनकर उभरे और उनके हक-अधिकार के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे।
उन्होंने आगे कहा, “आज जब हम उन्हें अंतिम विदाई दे रहे हैं, तो ऐसा लगता है मानो कोई पेड़ अपनी सबसे मजबूत जड़ खो बैठा हो।”
मंत्री ने इस अवसर पर दिशोम गुरु के पुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विश्वास प्रकट किया और कहा कि, “गुरु जी का जीवन, उनका बलिदान, उनकी दूरदृष्टि अब हम हेमंत जी में देखते हैं। मुझे विश्वास है कि गुरु जी का आशीर्वाद और संघर्ष की ताकत उन्हें प्रेरित करेगी और वे अधूरे सपनों को पूरा करेंगे।
दीपिका पांडेय सिंह ने अंत में कहा कि दिशोम गुरु हमारे विचारों, संघर्षों और संकल्पों में सदैव जीवित रहेंगे। “झारखंड आपको कभी नहीं भूलेगा, गुरु जी।
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