संस्कृत के साकारात्मक व समृद्ध परिणाम पर हो चर्चा : नयन तिवारी


कहलगांव : प्रखंड के सनोखर में संस्कृत भारती बिहार के तत्त्वाधान में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को संस्कृत सप्ताह दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संकुल समन्वयक अजीत कुमार ने की। वीडिओ कांफ्रेंसिंग में प्रांत मंत्री रमेश झा,दक्षिण बिहार के मंत्री रामेश्वरधारी,देवनिरंजन,शत्रुंजय ओझा,सुधांशु आदि जुड़े। 

मौके पर उपस्थित संस्कृत भारती के दायित्ववान कार्यकर्ता सह कहलगांव अनुमंडल संयोजक नयन तिवारी ने बताया कि भारतवर्ष प्राचीनकाल से ही देवभाषा संस्कृत व संस्कृति से प्रतिष्ठित हुई है। इसके बल पर ही भारत विश्वगुरु पद पर सुशोभित हुआ।इसमें सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने की अद्भूत क्षमता है। इससे विघटित समाज को एकीकृत किया जा सकता है, किंतु आज इस भाषा को सामाजिक व प्रशासनिक संरक्षण व सम्मान प्राप्त नहीं है, जिससे इस भाषा व इसके छात्रों-शिक्षकों की व्यथा किसी से छिपी नहीं है।

सही मार्गदर्शन व सहायता न मिलने से प्रतिभाएं दम तोड़ रही है। ज्यादातर स्कूल,कालेज व विवि इस विषय के शिक्षक से विहीन है। पठन-पाठन के अभाव में इससे जुड़े लोगों में घोर निराशा है। आज जरुरत है कि इस पर सकारात्मक व समृद्ध परिणाम हेतु जिम्मेदार कारकों पर चर्चा हो।

इसमें पर्याप्त सुविधा व अवसरों को बढ़ावा दिया जाय। आज "संस्कृतं सर्वत्र सर्वेषां च"। इस ध्येय वाक्य से संस्कृत के पुनरुत्थान की दिशा में ढृढ़ संकल्पित होना होगा तभी विकसित राष्ट्र की संकल्पना पूर्ण होगी। मंच संचालन गोपगुट प्रखंड सचिव शिक्षक अर्जुन केशरी ने किया। इस अवसर पर उन्हौंने संस्कृत भाषा के महत्त्व को बताया।

मौके पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शिवांशु शर्मा,अनिकेत बास्की,ललिता बेसरा, सत्यम, आदर्श, बेस्टन, आकृति सहित लगभग 25 छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

- बालकृष्ण कुमार, उजागर मीडिया ब्यूरों कहलगांव।
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