हनवारा: महागामा भाजपा पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार ने हिन्दुओं के आस्था का पर्व छठ पर फिर से प्रहार किया है। इतना ही नहीं नदी, तलाब के घाटों पर छठ पूजा नहीं करने का तुगलकी फ़रमान जारी कर दिया गया है।सरकार का यह फ़रमान तब आया है।
जब छठ पर्व के लिए लोगों ने लगभग सारी तैयारी कर लिया है। ऐसे में छठ पर्व करने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जबकि बिहार सरकार के द्वारा केवल गंगा घाट पर हीं बंदिश है, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में नदी तलाब में छठ पर्व करने की अनुमति दी गई है।
झारखंड सरकार को केवल हिन्दुओं के पर्व त्योहार पर हीं कोरोना संक्रमण का खतरा नजर आता है, बांकी कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है सरकार ने हीं बसों पर भी क्षमता के अनुसार यात्री बैठाने का अनुमति दिया है ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का बात कहां से उठता है।
हाट बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सरकार और प्रशासन नहीं करवा पा रही है सड़कों पर उसी तरह भीड़ है बस और ऑटो में भर-भर कर यात्री जा रहे हैं कहां-कहां नियम का पालन हो रहा है। यहाँ तक कि सरकार के स्वास्थ मंत्री के द्वारा एवं अन्य मंत्री विधायक के द्वारा भी आए दिन सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जाती है।
स्वयं मुख्यमंत्री जी के द्वारा भी दुमका एवं बोरमो उपचुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया था। कोरोना संक्रमण को देखते हूए सभी को नियमों का पालन करना एवं सावधान रहने की आवश्यकता है, परन्तु कोरोना का डर दिखाकर हिन्दुओं के महा आस्था के प्रतीक छठ महापर्व पर बंदिश लगाना न्यायसंगत नहीं है।
इसलिये माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि छठ पूजा पर सरकार द्वारा लगाए गए बंदिश को वापस लें,एवं सावधनी के साथ स्वतंत्र रूप से छठ पर्व मनाने की अनुमति दें।
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