गोड्डा : जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित बसंतराय प्रखण्ड के जहाजकित्ता गांव से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर जहाजकित्ता के एजाजुल हक की है। जो बीते एक वर्ष से घातक बीमारी माउथ कैंसर से ग्रसित है। एजाजुल हक दिल्ली में मजदूरी दिहाड़ी का काम करते थे। शुरुआती जख्म से चिंतित होकर इन्होंने दिल्ली एम्स अस्पताल में इलाज के लिए चिकित्सकों के पास गया था।
लेकिन कोरोना की दस्तक से चिकित्सको ने इसकी इलाज बेहतर नही समझी। बाद में जब बसों का परिचालन होना शुरू हुआ था यह अपने घर चले आए। उसके बाद एजाजुल हक इलाज के लिए अक्सर चिंतित रहते थे। लेकिन घर की तंगहाली व सरकार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं से भी वंचित रहने के बाद अपना इलाज कराने में ये सक्षम नही हो सके।
किसी तरह जमीन बेचकर 4 से 5 बार पटना के प्राइवेट अस्पताल की रुख किया। लेकिन वहां से भी इलाज अच्छा नही होने पर। हाल फिलहाल एक दो महीने से एजाजुल हक दुर्गापुर के अस्पताल में इलाज करवा रहे है। लेकिन परिवार की हालत अब इलाज कराने में सक्षम नही है। वहीं एजाजुल हक के पास राशन कार्ड भी नही है। जिसकारण एजाजुल हक आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी नही ले पा रहे है।
परिवार वालों ने मौजूदा सरकार और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। वहीं समाजसेवी अरशद वहाब ने अपने सोशल मीडिया के फेसबुक वॉल से भी इसकी मदद करने की भी गुहार लगाई है। और उसका पूरा हालात बयां किया है। साथ ही अपने नौजवान युवाओ को गुटखा पान मसाला, तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन नही करने का भी अपील की है।
अरशद वहाब के फेसबुक वॉल से उसकी पोस्ट
एक बेहद अहम पोस्ट:- (कृपया आपके पास वक़्त हो तो अवश्य पढ़ें।
रात के 2 बजे लिख रहा हूँ तो ज़रूर कोई दिल को झकझोरने वाली बात होगी। कुछ परेशान लोगों को अगर आप दिल से मदद करने का जज़्बा रखते हों तो इनको ज़रूर मदद भी करना। किसी की ज़िन्दगी और मौत का सवाल है। (मेरी पोस्ट अक्सर बड़ी होती है उम्मीद है ये भी लिखते-लिखते बड़ी हो जाये.. इसलिए आप अवश्य पढ़े। 3 दिन पहले मैं भागलपुर से घर आ रहा था उसी दरमियान मांजर गांव के भाई मुन्ना ने कॉल करके मुझे एक बेहद दुखद जानकारी दी.. उसी सिलसिले में मैं कल जहाज़कित्ता गया था।
यहां मैंने कुछ तस्वीरें डाली हैं और वही तस्वीर देखने की हिम्मत बड़े बड़ों की नहीं हो पाती है, यही वजह है कि वो अपने चेहरे पर हमेशा एक बांध कर रखते हैं। पहले आप एक ही व्यक्ति की दोनों तस्वीरें देखिये। आप तो क्या कोई भी देख कर ये यक़ीन नही करेगा कि ये दोनों एक ही व्यक्ति है और हां ये सिर्फ 10-12 महीने पहले की तस्वीर है और दोनों का फर्क देख लीजिए। तस्वीरें देखने के बाद तो अंदाज़ा हो ही गया होगा कि इनको क्या बीमारी है? चलिए मैं बता देता हूँ।
तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति का नाम एजाजुल_हक़ है इनकी उम्र महज़ 30 से 32 वर्ष के आसपास है और ये झारखंड के गोड्डा ज़िला अंतर्गत प्रखंड बसंतराय के जहाज़कित्ता गांव के रहने वाले हैं और इनको माउथ कैंसर जैसी घातक बीमारी ने पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया है। इनके घर में इनकी माँ (वो भी एक बड़ी बीमारी से जूझ रही हैं), इनकी पत्नी के अलावे 2 बहुत ही छोटे-छोटे बच्चे हैं(एक बेटा, एक बेटी) जिनको कि ये भी समझ नहीं होगा कि उनके पापा को क्या बीमारी है।
घर मे इकलौता कमाने वाला इंसान यही थे और ये दिल्ली के आसपास काम करते थे एवं अपना घर चलते थे। लॉकडाउन के समय इनको कुछ परेशानी शुरू हुई मुंह मे छाले की शिकायत होनी शुरू हुई, चूंकि ये दिल्ली में ही काम करते थे तो देश की सबसे बड़ी आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS गए लेकिन उस समय कोरोना का शुरुआती दौर था और कोरोना को कैंसर से भी बड़ी बीमारी समझी जा रही थी जिसके डर से दुनिया की सारी बीमारी का इलाज करना बंद कर दिया गया था।
कहीं कोरोना ना पकड़ ले किसी को.. खैर, एजाज़ भाई को इलाज के लिए मना कर दिया। उस समय गाड़ियां भी नहीं चल रही थी तो ये वहीं फंसे रहे और जब कुछ महीने बाद बस चलने लगी तो ये वहां से घर आये घर आने तक इनको सिर्फ मुंह के अंदर छाले की शिकायत थी।
कुछ दिनों बाद पैसे का इंतेज़ाम कर के ये पटना गए और इनका इलाज वहां से चलने लगा। इस भाई के पास ना राशन कार्ड है और स्वाभाविक है की आयुष्मान कार्ड भी नहीं। इलाज कराते कराते इनके पैसे खत्म हो गए और आगे इन्होंने अपनी #ज़मीन बेचनी शुरू कर दी। इस दरमियान 4-5 बार पटना 12000 रु भाड़ा दे कर जाते रहे, फायदा नहीं होता देख अब ये पिछले एक-दो महीने से दुर्गापुर में इलाज करा रहे हैं और हर जगह हॉस्पिटल वाले इनको सिर्फ शोषण करने में लगे हुए हैं।
वैसे आप सब जानते होंगे ये बीमारी है ही इतनी खतरनाक। अपने इलाज के चक्कर में अपने_हिस्से की लगभग छः कट्ठा ज़मीन में से 4 कट्ठा ज़मीन बेच चुके हैं। और फिर भी उनकी बीमारी बढ़ती ही जा रही है। छाले से बढ़ते हुए एक बड़ा ज़ख्म में तब्दील हो गया है और ऐसा ज़ख्म के बायां गाल इतना सूज गया है कि बायीं आंख 90% बंद ही रहती हैं, गाल के ऊपरी हिस्से पर ऐसा ज़ख्म है कि कोई कमज़ोर दिल वाला देखने की हिम्मत नहीं कर सकता।
लेकिन मैं उनके पास जाकर घंटों बैठा रहा उनसे गुफ्तगू की, सारे रिपोर्ट्स के फोटो लिए और उनकी तस्वीर भी ली ताकि आप लोगों के साथ साथ मैं अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर राज्यस्तर के जनप्रतिनिधियों तक इनकी बातों को अच्छे से पहुंचा सकूं और इनके लिए जैसी भी मदद हो मैं आपलोगों के माध्यम से मदद करने का प्रयास कर सकू।
फ़ोटो में दिखने वाली पहली तस्वीर जितनी handaome है और जितने हीरो जैसे दिख रहे हैं दिल से ये उतने ही मजबूत और हीरो हैं.. एक समय के शानदार क्रिकेटर भी रह चुके हैं अपने गाँव के लिए।
लगभग एक घंटे तक इनके साथ रहा लेकिन एक पल के लिए भी इनको #घबराता हुआ महसूस नहीं किया अल्लाह इनको और हौसला दे। आमीन।
एक एक करके अपनी सारी बात बताते गए.. अपने सारे रिपोर्ट्स खुद से दिखाते रहे और अपने मोबाइल से कुछ पहले के फोटोज़ और पुराने रिपोर्ट्स मुझसे मेरा नंबर लेकर सेव कर के व्हाट्सअप से एक एक करके भेजते रहे। इतना ज़िंदा दिल इंसान मैने कभी नहीं देखा है.. आप सच में हीरो हो एजाज़ भाई
मैंने इस जिंदादिल इंसान और इनके 2 मासूम बच्चों, लाचार मां तथा ग़मगीन पत्नी को देखते हुए एक फैसला किया है कि इनके लिए कुछ फण्ड राइज इनकी पत्नी के एकाउंट में आपलोगों के सहयोग से करा सकूं ताकि इनके इलाज में हमलोग थोड़ी बहुत भी मदद कर सकें। हम और आप तो यूँ ही चाय,पान,सिगरेट एवं गुटखा में ही 100 रु डेली का बर्बाद कर देते होंगे.. कम से कम इस मजबूर भाई के लिए हम लोग 50,100,500,1000 या जो भी कुछ हो मेहरबानी करके इनकी पत्नी के एकाउंट में चुपचाप डाल दें.. या डालकर उनको फोन कर के बता दें।
Account details:
Account holder name- Bibi Roushan
W/o Ejajul haque
SBI A/c no. 37817793260
IFSC- SBIN0017159
Branch(Basantrai,Godda)
मोबाइल नंबर- 9517819341
उजागर मीडिया की भी आप सबों से एक छोटी सी गुज़ारिश - हो सके तो गुटखा/तम्बाकू एवं धूम्रपान बंद कर दें।

बहुत बहुत शुक्रिया खबर बनाने के लिए
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