हनवारा : महागामा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित रामकोल पंचायत अंतर्गत ग्राम बैजाचक में तेजश्वनी क्लब के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रैली का आयोजन किया गया। सभी छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि बेटी को अधिकार दिलाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ साथ ही कहा की देश की बहन, बेटी सुरक्षित नहीं है, देश की बहन, बेटी की निर्मम हत्या कर दी जा रही हैं।
साथ ही उपस्थित छात्राओं ने कहा कि लगातार देश की बेटियों के साथ कुकर्म और निर्मम हत्याएं हो रही है। जो कि देश की बहन बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है। लेकिन अब समाज के लोगो को ही यह जिम्मा उठाना होगा कि आखिर बेटियों को इतना कम क्यों आंकते है। बेटियां भी अब बेटों से कहीं कम नही रही है। यह बहुत स्पष्ट है कि, एक लड़की हमेशा समाज के लिए आशीर्वाद रही है और इस संसार में जीवन की निरंतरता का कारण है।
हम बहुत से त्योहारों पर विभिन्न देवियों की पूजा करते हैं जबकि, अपने घरों में रह रही महिलाओं के लिए थोड़ी सी भी दया महसूस नहीं करते। वास्तव में, लड़कियाँ समाज का आधार स्तम्भ होती हैं। एक छोटी बच्ची, एक बहुत अच्छी बेटी, बहन, पत्नी, माँ, और भविष्य में और भी अच्छे रिश्तों का आधार बन सकती है। यदि हम उसे जन्म लेने से पहले ही मार देंगे या जन्म लेने के बाद उसकी देखभाल नहीं करेंगे तब हम कैसे भविष्य में एक बेटी, बहन, पत्नी या माँ को प्राप्त कर सकेंगे।
क्या हम में से किसी ने कभी सोचा है कि क्या होगा यदि महिला गर्भवती होने, बच्चे पैदा करने या मातृत्व की सभी जिम्मेदारियों को निभाने से इंकार कर दे। क्या आदमी इस तरह की सभी जिम्मेदारियों को अकेला पूरा करने में सक्षम है। यदि नहीं; तो लड़कियाँ क्यों मारी जाती हैं?, क्यों उन्हें एक शाप की तरह समझा जाता है, क्यों वो अपने माता-पिता या समाज पर बोझ हैं? लड़कियों के बारे में बहुत से आश्चर्यजनक सत्य और तथ्य जानने के बाद भी लोगों की आँखें क्यों नहीं खुल रही हैं। आजकल, महिलाएं घर के बाहर मैदानों में आदमी से कंधे से कंधे मिलाकर घर की सभी जिम्मेदारियों के साथ काम कर रही हैं।
यह हमारे लिए बहुत शर्मनाक है कि आज भी लड़कियाँ बहुत सी हिंसा का शिकार हैं, जबकि तब उन्होंने अपने आपको इस आधुनिक युग में जीने के लिए ढाल लिया है। हमें समाज में पुरुष प्रधान प्रकृति को हटाते हुये कन्या बचाओ अभियान में सक्रियता से भाग लेना चाहिये। भारत में, पुरुष स्वंय को शासन करने वाला और महिलाओं से बेहतर मानते हैं, जो लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को जन्म देता है।
वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की रैली बैजाचक गांव से निकलकर पूरा गांव एवं चकचामु गांव से वापस पहुंचकर समाप्त की गई। सभी छात्राओं के चेहरे पर उदासी छाई हुई थी। की आखिर क्यों देश की बहन, बेटियाँ हैवानियत का शिकार बन रहा है।देश की बेटी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।ऐसे में राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक देश की बेटियों की सुरक्षा के लिए सही कदम उठाना चाहिए।
इस दौरान विश्वासखानी 14 के क्लस्टर कॉर्डिनेटर तलत बानो, रैली पियर लीडर खुशबू कुमारी, युवा उत्प्रेरक बीबी नरगिस खातून, रितु कुमारी, पूजा कुमारी, प्रीति कुमारी, कागज कुमारी, शबनम कुमारी, रूपा कुमारी एवं गूंजना कुमारी सहित आदि दर्जनों किशोरी एवं युवती उपस्थित थीं।

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