हनवारा: ग्रामीण चिकित्सक (प्रैक्टिसनर)को फ्रंट लाइन वर्कर मानते हुए सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर महागामा विधायक दीपिका सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि प्रैक्टिसनर चिकित्सक ग्रामीण चिकित्सा के रीढ़ माने जाते हैं।ग्रामीण छोटे छोटे बीमारियों में इन्हीं लोगों के सुझाव पर दवा लेकर ठीक होते रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना में प्रायः देखा जा रहा है कि महागामा सहित पूरे राज्य में ऐसे चिकित्सकों का योगदान काफी है, जहाँ एक ओर यह ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा मुहैया करा रहे हैं।इनके द्वारा निरंतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसके कारण यह संक्रमित भी होते हैं तथा जान माल का खतरा भी हमेशा बना रहता है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इनके द्वारा किए जा रहे सेवा एवं समर्पण के कारण ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पटरी पर है तथा संक्रमण का प्रभाव भी कम देखा जा रहा है।ऐसे चिकित्सकों को प्रखंड स्तर पर कोरोना संक्रमण एवं उपचार का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता महसूस की जा रही हैं ताकि आने वाले तीसरे वेभ के संक्रमण से बचा जा सकता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि ग्रामीण प्रैक्टिसनर चिकित्सकों को कोरोना वारियर्स मानते हुए 50 लाख का बीमा एवं वर्तमान समय में 5 हजार रुपये सहायता राशि प्रदान करने के लिए निर्देश दिया जाय। ज्ञात हो कि इस वैश्विक महामारी में ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों का अहम रोल रहा है।
इन्होंने कोरोना टीकाकरण के बारे में लोगों का जागरूक भी किया है, साथ ही साथ कोरोना बीमारी से बचने के लिए भी उपाय बताने का काम किए है।साथ ही साथ ग्रामीण द्वारा सर्दी, खाँसी, बुखार जैसे बीमारी होने पर ग्रामीण क्षेत्रों के प्रैक्टिसनर चिकित्सक से दवाई लेकर स्वस्थ भी हुए हैं।
बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों का कहना है कि महागामा विधायक दीपिका पाण्डे सिंह द्वारा पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों के डॉक्टरों का आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाना सराहनीय प्रयास हैं।
अगर ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों को सरकारी तौर पर इस कोरोना महामारी में चिकित्सा संबंधित प्रशिक्षण दिया जाय तो बहुत ही अहम होगा।जिससे बेझिझक ग्रामीण चिकित्सक लोगों का इलाज कर सकेंगे।
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