अस्पताल नहीं तो कब्रिस्तान या शमशान का ही दर्जा दे दीजिए हुजूर माई बाप

  • पहला और दूसरा कोरोना लहर भी नहीं चालू करवा सका परसा अस्पताल को, कम से कम तीसरी लहर के लिए तो इसे चालू करवा दीजिए बन्ना गुप्ता जी


गोड्डा : जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत परसा अस्पताल, जो कि अब शायद किसी पहचान के मोहताज नहीं। गोड्डा जिले के बच्चा बच्चा इस अस्पताल के बारे में जानते हैं कि जिले में एक अस्पताल ऐसा भी है जो 12 साल से बन रहा था और आजतक पूरा नही हो पाया हैं। समझ लीजिए कि यह ठीकेदारी  की     भेेंट चढ़ गया हैं। 

 जबकि 12 सालों में एक पीढ़ी जवान हो जाती हैं। अगर सूबे की सरकार चाह ले तो इस अस्पताल की तकदीर और तस्वीर बदल सकती हैं, लेकिन ऐसा करेंगे नहीं। जबकि आजादी के 75 साल बाद भी 75 हजार की आबादी महज एक अस्पताल के लिए आज भी तरस रही हैं। 

सरकार के इस अड़ियल रवैये से जनता परेशान हैं। कम से कम स्थानीय ग्रामीणों को इतना भी हक़ नही की परसा अस्पताल का फाइल कहाँ अटका हुआ है, किस प्रक्रिया में है जिला प्रशासन, राज्य सरकार या स्वास्थ्य मंत्रालय क्या कर रहा है। कब तक पूरा होगा कब तक चालू होगा। 

यहाँ कौन सुनेगा, जनता भी अपनी दर्द किसको सुनाएं, इसलिए सब चुप रहते हैं। क्या ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता नही, क्या उनका समुचित और बेहतर इलाज मानवी अधिकार के अंदर नही आता। परसा अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में  बीमार पड़ने वाले मरीजो के लिए जीवनदायिनी संजीवनी साबित हो सकती हैं। 

लेकिन सूबे के तमाम सरकार अपने वादों और सपनों के बल सत्ता में आती हैं और उसके बाद उनका भी हाल वही हो जाता हैं जो पुरानी सरकार का हो जाता हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और जिला प्रशासन बताएं कि यहां के लोगो को भागलपुर या गोड्डा अपनी बीमारी का इलाज कराने क्यों जाना पड़े। यही न कि बीमारी आपकी तो उसमें स्वास्थ्य विभाग और मंत्रालय या सरकार क्या करे। 

जरूर मन मे यही चलता होगा। भले ही भोली भाली जनता के समक्ष बोलिये नही। मगर जनता सब समझती हैं। लेकिन सूबे की मौजूदा सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार दावे पर दावे ठोक रही हैं कि झारखंड राज्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मगर आपकी इस दावे का ग्रामीण क्षेत्र में अब भी कोई मायने नही रखता क्योंकि यहां आप खरा उतर ही नही पाए हैं। 

साथ ही साथ एक बात बताते चलें कि महागामा प्रखण्ड में कुल 29 पंचायत हैं जिसमे कम से कम 10 पंचायत इस अस्पताल से लाभान्वित होंगे और कुल जनसंख्या लगभग 75 हजार से कम नही होगी जो इस अस्पताल का लाभ उठाएगी। आखिर कब सुधरेंगे सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था, कब होगा परसा अस्पताल का कायापलट

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