भीषण गर्मी एवं कोरोना महामारी में पानी की किल्लत से लोग परेशान,अबतक किसी ने नहीं ली सुध

हनवारा : जिले के महागामा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत कोयला पंचायत के बिशनपुर गांव में 14 वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित सोलर जलमीनार सहित आधा दर्जन चापानल इन दिनों खराब पड़ी हुई है। खराब जलमीनार एवं चापानल लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। 

उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिशनपुर के प्रांगण में एवं गांव के कई स्थानों पर लगी जलमीनार एवं चापानल बीते कई माह से खराब है।लेकिन इसकी सुध लेना आजतक किसी ने नहीं समझा है।इसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 गांव के मोहम्मद रियाज, मोहम्मद मोहसिन और दिलीप यादव, नवल यादव, सुबोध यादव, पवन यादव,संगम यादव, सूरज कुमार,छट्ठू यादव, जलधर यादव, लक्ष्मण यादव, समेत कई लोगों ने बताया कि पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 14 वें वित्त आयोग की राशि से गत वर्ष ही वेंडर के माध्यम से जलमीनार लगवाई गई थी। 

पंचायत के मुखिया ने तब जलमीनार बनने से लोगों को जल संकट से मुक्ति का भरोसा दिया था लेकिन बीते छह माह से जलमीनार खराब पड़ी है। पंचायत प्रशासन या संबंधित विभाग इसकी सुध नहीं ले रहा है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 ग्रामीणों ने बताया कि पीने के पानी का एकमात्र साधन उक्त सोलर जलमीनार एवं चापानल ही है। इसके खराब हो जाने से   पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है जबकि दर्जनों घरों के लोग पानी ले जाते थे लेकिन जल मीनार खराब होने से लोगों को भारी फजीहत हो रही है।

 स्थानीय लोगों का आरोप है कि जल मीनार लगाने में घोर अनियमितता बरती गई है। अनियमितता का आलम यह है कि निर्माण के साथ ही पाइप में लीकेज होना, नल में खराबी आ जाना और सोलर प्लेट का काम करना बंद कर देना आदि समस्याएं उत्पन्न हो गई है। 

यहां तक कि जलमीनार स्थल में योजना का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। जलमीनार के फाउंडेशन में भी मानकों की अनदेखी की गई है। निर्माण के दौरान भी ग्रामीणों ने इसपर सवाल उठाया था। जलमीनार के बगल में शोकपिट का निर्माण नहीं किया गया है। जल मीनार के ऊपर रखी पानी टंकी बिना किसी सपोर्ट के है। 

इससे टंकी गिरने की संभावना है। ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया और पंचायत सचिव से कई बार इसकी शिकायत की गई है। बताया कि अधिक मुनाफा अर्जित करने के उद्देश्य से जलमीनार की गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया है। पंचायत के अन्य गांवों में बनी जलमीनारों की भी समस्या ऐसी ही है। 

ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक दीपिका पांडे सिंह से मरोमत्ती की मांग की है साथ ही इसकी जांच की मांग उपायुक्त भोर सिंह यादव से की है।
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