हनवारा: बागवानी में ना लगा आम का पेड़,ना ही हुआ कोई फसल,बंजर रह गया जमीन, ऐसा ही मामला महागामा अनुमंडल अंतर्गत पंचायत कोयला के ग्राम बिशनपुर से आया है।
ग्रामीण बताते हैं बिशनपुर गांव में लगभग 5 महीने पहले लाभुक मु०यासीन स्व० सखावत के 1 बीघा जमीन पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना वर्ष 8/2021 के अंतर्गत 1 लाख 53 हजार 587 रुपये की लागत से बागवानी का कार्य किया गया था।
लेकिन बागवानी लगाने के समय विभाग के अधिकारी द्वारा काफी अनियमितता बरती गई हैं। मु० यासीन बताते हैं कि मेरे निजी उपजाऊ जमीन पर लाखों रुपए की बागवानी का काम किया गया लेकिन मुझे लगता है 15 या 20 हजार रुपये खर्च हुआ होगा।
जब हम रोजगार सेवक या जे ई को कहते थे कि बागवानी को अच्छे तरीके से घेरा बंदी कीजिए और अच्छे आम का पौधा लागए तो इनलोगों के द्वारा सीधा पल्ला झाड़ लिया जाता है। बागवानी संबंधित किसी तरह की जानकारी इनलोगों से पूछे जाने पर किसी तरह की जानकारी मुझे नहीं दिया जाता था।
उनके द्वारा बोला जाता था कि आपको बागवानी से काम है ना फिक्र नहीं कीजिए आपका बागवानी लग जायेगा,उन्होंने कहा कि ना ही बागवानी को अच्छा से घेराव किया गया ना ही अच्छा पौधा लगाया गया। मेरे साथ विभाग के अधिकारी के द्वारा छल कपट किया गया है।
जिस कारण आज मेरा जमीन खाली पड़ा हुआ है। मेरे उपजाऊ जमीन होने के कारण मुझे लाखों रुपये की छति हुई हैं कहा कि बागवानी में मुरझाया हुआ आम का पौधा लगाया गया,लगाने के 15 दिन बाद ही मर गया। उन्होंने बताया कि जिस खेत में बागवानी किया गया है।
उस खेत में हम गेंहू, मकई, धान आदि की खेती करते थे लेकिन हमें यह जानकारी नहीं थी कि बागवानी लगाने के नाम पर मेरा जमीन खाली रहेगा।
जिस कारण हमें लाखों रुपये की छती हुई हैं अगर आम का मुरझाया हुआ पौधा नहीं लगाया जाता तो कुछ हमें आस भी होता की आम का पेड़ लगने से बड़ा बगीचा होगा और जिसमें फल होंगे जिससे हम आत्मनिर्भर बन सकेंगें।
लेकिन एक भी नहीं हुआ।उन्होंने गोड्डा उपायुक्त भोर सिंह यादव से जांच कराते हुए कारवाई की मांग की है।
इस सम्बंध में संवाददाता द्वारा जब महागामा बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें लाभुक की गलती है, जब संवाददाता द्वारा विशेष रूप से पूछा गया तो कहा आप लाभुक है या पत्रकार
कयास लगाया जा रहा है कि इस तरह से खरी खोटी जबाब से लगता है कि बागवानी लगाने के नाम पर भारी लूट की गई हैं
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