विधायक प्रदीप यादव ने ओबीसी आरक्षण 27% करने एवं राज्यस्तरीय सेवा में छुटे क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री से मिल कर सौंपा ज्ञापन


मांगों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भी लिखी चिट्ठी

गोड्डा:  विधायक प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर झारखंड के पिछड़ों (OBC) के आरक्षण पर विचार करने एवं राज्य स्तरीय सेवा में छूटे क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ने के लिए पत्र लिखा हैं।
 उन्होंने झारखण्ड के पिछड़ों ( OBC ) के आरक्षण पर विचार करने एवं राज्य स्तरीय सेवा में छूटे क्षेत्रीय भाषाओं को जोड़ने के संबंध में पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि झारखंड सरकार ने कैबिनेट में एक अति महत्वपूर्ण फैसला लिया है कि राज्य संवर्ग की नौकरी हेतु नियुक्ति नियमावली में दो महत्वपूर्ण संशोधन किया है।
 राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नौकरी हेतु अभ्यार्थियों को राज्य के किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से मैट्रीक या दसवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा, साथ ही स्थानीय भाषा ज्ञान भी अनिवार्य किया है लेकिन इस निर्णय से आरक्षण कोटे के अभ्यार्थियों को इससे बाहर रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आपको एवं गठबंधन सरकार को धन्यवाद देता हूँ। इस निर्णय से आने वाले दिनों में इस राज्य के नौजवानों की राज्य की सेवाओं में भागीदारी बढ़ेगी।

यह भागीदारी 70-75 प्रतिशत तक जायेगी जो सामान्य अनुमान है। इससे झारखण्ड के नौजवान लाभान्वित होंगे परन्तु कैबिनेट ने राज्य स्तरीय पदो के लिए मात्र 12 क्षेत्रीय भाषाओं को ही चिन्हित किया है।

 इन 12 भाषाओं के अलावा तीन अति महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भाषा यथा -भोजपुरी , मगही और अंगिका जो क्रमशः पलामू प्रमण्डल और संथाल परगना प्रमण्डल में प्रमुखता  से बोली जाती है को भूलवश छोड़ दिया गया है। 

जिसके कारण लाखों अभ्यार्थिगणों को काफी परेशानी होगी। मेरा आग्रह होगा कि राज्य बनने के बाद से ही एक बड़ी आबादी पिछड़ा वर्ग लगभग 50 प्रतिशत अबतक आरक्षण के लाभ से वंचित है।

 कई जिलों में जिला स्तरीय नौकरियों में आरक्षण शून्य है। यदि पिछड़ों के आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया जाय तो पिछड़ा वर्ग के नौजवानों को भी लाभ मिल जायेगा एवं झारखण्डी नौजवानों की सम्मावित भागीदारी 70-75 प्रतिशत भविष्य में दिख रहा है।

 यह भागीदारी 90 प्रतिशत तक हो जायेगा क्यांकि आरक्षण का लाभ तो किसी दूसरे राज्य के नौजवान नहीं ले सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राज्यहित में नेतृत्व की सरकार उपरोक्त महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अविलंब निर्णय ले तो राज्य के लिए यह निर्णय कारगर एवं ऐतिहासिक साबित होगा ।
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