गोड्डा : रविवार को महागामा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित मदरसा नजामिया दारुल कुरान दिग्घी के प्रांगण में अंजुमन इस्लामियां के बैनर तले पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अंजुमन इस्लामियां जम्हूरीया 'माजी' और 'मुस्तकबिल' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस दौरान क्षेत्र के आठ गांवों के विद्वानों और विचारकों के अलावे क्षेत्र के बुद्धिजीवीयों ने भी भाग लिया। इस दौरान अंजुमन इस्लामियां के अध्यक्ष हाफिज हामिदुल गाजी के अध्यक्षता में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम आयोजित की गई।
अंजुमन इस्लामिया कमेटी के अध्यक्ष हाफिज हामिदुल गाजी ने कहा कि अंजुमन ए इस्लामियां की विशेषता जो इसे अन्य संगठनों से अलग करती है। इंसाफ की एक व्यवस्था है, लोगो को अंजुमन के माध्यम से कुरान और सुन्नत तरीके से अपने मामलों का फैसला करना है। संगठन की मजबूत प्रणाली भी संगठन के विशेष उद्देश्यों में से एक है।
संगठन समय समय पर समुदाय के धनी सदस्यों को आकर्षित करता है ताकि अच्छी तरह से संगठन चलता रहे। मैं बड़ी सहानुभूति के साथ कहना चाहूंगा कि यह संगठन हमारे पूर्वजों और पूर्वजों की एक मूल्यांकन सम्पत्ति और विश्वास है। यह हमें विरासत में मिला है। इसकी रक्षा करना हमारे जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है। यह संगठन अराजकता से बिल्कुल मुक्त है।
धन के प्यार का मामूली प्रभाव भी और संगठन के पदाधिकारियों पर धन का प्रेम कभी नही देखा गया। संगठन की सौ वर्षों की इस गर्म यात्रा और पूरे वातावरण का परिणाम है। संगठन के पूर्व अध्यक्ष मास्टर मुस्लिम हुसैन ने संघ के शताब्दी वर्ष पर प्रकाशित होने वाली पत्रिका पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आयोजकों को बधाई दी।
कहा कि हमारी कमेटी गरीब मजलूमों की कमेटी है। इस कमेटी का एक सौ वर्ष पूरा हो गया है। हमलोग चाहते है कि अपने धर्म के लोग अपराध के रास्तों पर न चलकर हक और सही रास्ते पर चले। खासकर युवा पीढ़ियों को इस दौर ए जमाना में बहुत ही एहतियात के साथ जीवन जीना चाहिए। अपने भविष्य को अच्छी तरह संवारने के लिए उन्हें जी तोड़ मेहनत करनी होगी। इसीलिए सौ साल पहले हमारे पूर्वजों ने ही इस कमेटी का नींव डाली थी।
जिसे हमलोग बड़ी अदब और एहतराम से संभाले हुए है। हमारे पूर्वज अंजुमन को सभी परिस्थितियों में जीवित और अच्छी तरह से देखना चाहते थे। मौलाना रियाज असद मजाहिरी ने कहा कि संगठन उतना ही स्थाई है जितना कि यह कई साल पहले हमारे पूर्वज रखे हुए थे। संगठन को अपने अंदर पैदा होने वाले कमजोरियों को दूर करना होगा।
वहीं इस मौके पर महासचिव मौलाना नौमान मजाहिरी, रियाजुद्दीन कासमी, अताउर रहमान सिद्दीकी, मु कासिम, मुनीर, अब्दुल कय्यूम, शम्स प्रवेज एवं ताजुद्दीन कासमी सहित दर्जनों प्रबुद्ध एवं बुद्धिजीवी वर्ग के व्यक्ति उपस्थित थे।
- उजागर मीडिया।
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