वहीं बताया जा रहा है कि छापामारी के दौरान खाद गोदाम में भारी अनियमितता मिली है। कही जा रही है कि खाद गोदाम संचालक गौतम कुमार द्वारा बिना लाइसेंस के ही खाद गोदाम का संचालन किया जा रहा था। साथ ही साथ भौतिक सत्यापन के दौरान न तो ऑनलाइन रसीद की प्राप्ति हुई और न ही किसी तरह स्टॉक पंजी उपलब्ध कराया गया हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि कोयला गांव में संचालित खाद गोदाम का महागामा सीओ रंजन यादव एवं कृषि पदाधिकारी जनार्दन दास द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर संयुक्त रूप से छापामारी किया गया। छापामारी में गौतम कुमार के खाद गोदाम में भारी अनियमितता पाई गई है।
जिसमें से न तो खाद गोदाम का लाइसेंस था और न ही स्टॉक पंजी से सम्बंधित कोई दस्तावेज मिला है। वहीं अंचलाधिकारी रंजन यादव ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी के साथ संयुक्त छापेमारी किया गया था। छापामारी के दौरान कई तरह की अनियमितताएं पाई गई है। संचालक कोई भी दस्तावेज पेश करने में असमर्थ दिखे है।
हमलोग इसकी जांच रिपोर्ट को जिला मुख्यालय के विभागीय पदाधिकारियों को सुपुर्द कर दिए है। आदेश प्राप्त होने के उपरांत खाद गोदाम संचालक के विरुद्ध त्वरित कारवाई की जाएगी। गौरतलब हो कि इन दिनों महागामा प्रखंड सहित हनवारा क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर खाद दुकान संचालित है।
जिसमें से सरकारी मूल्यों से अधिक मूल्यों में किसानों को उर्वरक बेचा जा रहा है। वहीं कई किसानों को पूछने पर उन्होंने बताया कि यह कोई आज का मामला नहीं है हर वर्ष खेती के समय में खाद दुकान संचालक अधिक मूल्यों में बिक्री करते हैं।
जब उन्हें अधिक दाम लेने के बारे में कहते हैं तो कहता है ऊपर से ही बढ़ा दिया गया है। कही जाय तो खाद दुकान संचालक अपने मनमाने ढंग से किसानों से राशि ले रहे है। किसान मजबूर होकर उचित मूल्यों पर खाद लेने में काफी असमर्थ महसूस भही करते रहे है।
लेकिन खाद दुकान संचालक अपने मनमाने रवैये से बाज नही आ रहे है। इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकांश दुकान संचालक खाद की कालाबाजारी भी धड़ल्ले से करते आ रहे है। इधर इस छापेमारी से खाद विक्रेताओं में हड़कंप मचा हुआ है।
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