विराट विषय - वस्तु , शानदार बिंबों और शब्द - चित्रों से भरा उपन्यास फोर्थ फ्लोर

रितेश रंजन की कलम से:-
डेस्क: बेरोजगार युवा क्या सोचते हैं? उनकी क्या समस्याएं हैं ? स्टूडेंट लाइफ की चुनौतियां क्या हैं और सपने क्या हैं! इतना ही नहीं एक खुले जीवंत अंदाज में स्टूडेंट जीवन का उल्लास। 

यह सब पढ़ते हुए  पाठक को दृश्य रूप में दिखाई सा देता है जैसे कि कोई किताब न पढ़ रहे हों बल्कि कोई सिनेमा चल रहा हो। पुस्तक हास्य - व्यंग्य से भरपूर है।

युवाओं के लिए यह किताब इसलिए महत्वपूर्ण है कि उनकी अपनी कहानी दिखेगी। शेष लोगों के लिए इसलिए क्योंकि यह उपन्यास उन्हें उनके स्टूडेंट जीवन में वापस ले जाएगा। दिल्ली की एक छोटी सी कॉलोनी , क्रिश्चियन कॉलोनी अब अमर हो चुकी है।

 अगर आप देखना चाहते हैं कि कैसे एक छोटी सी कॉलोनी की समस्याओं की पृष्ठभूमि में लेखक कहानी को राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय लेवल पर ले जाता है तो यह किताब जरूर पढ़ें। मारू , बाला जी, खाटू दादा , गुलेरी बाबू , गोगा जी , पुत्तन बाबू , बनारसी बाबू और लल्लन पांडेय जैसे पात्र खिलखिलाकर हंसने को मजबूर कर देते हैं। 

मारू मुख्य पात्र है और मुख्यता यह मारू की वह कहानी है जो इस देश के अधिकांश युवाओं की कहानी है। इसलिए " B 15 B फोर्थ फ्लोर " एक कालजयी उपन्यास है। भविष्य में इसकी शक्ति और उपयोगिता को बड़े स्तर पर पहचाना जाएगा।

उपन्यास - B 15 B फोर्थ फ्लोर ( कहानी क्रिश्चियन कॉलोनी की )
प्रकाशक - साहित्य संचय , दिल्ली
पृष्ठ - 300
मूल्य - 330
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