भागलपुर : कहलगांव में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर शुक्रवार को स्थल निरीक्षण के लिए केंद्रीय टीम कहलगांव के विक्रमशिला महाविहार से सटे परशुरामचक व एकडारा पंचायत में चिन्हित जमीन का निरीक्षण किया । केंद्रीय टीम ने चयनित स्थलों का भौगोलिक स्थिति और यातायात सुगमता को लेकर का अवलोकन किया । चयनित स्थल से गंगा की दूरी और उनके बहाव के बारे में भी स्थानीय लोगों से चर्चा की । टीम के सदस्यों को ग्रामीणों से जानकारी मिली के प्रस्तावित भूखंड में बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है।
ऐसे में टीम के सदस्यों ने विकल्प के तौर पर विक्रमशिला महाविहार से सटे अंतीचक पंचायत के मलकपुर गांव के निकट भी एक बड़े भूखंड को देखा जो संभवत सेंट्रल टीम को पसंद आया है । वहीं इन लोगों ने बियाडा के अधिग्रहित जमीन का भी अवलोकन किया। सेंट्रल टीम ने अवलोकन करने के बाद कहलगांव अंचलाधिकारी मंगलवार तक अंतिचक पंचायत के मलकपुर मौजा और बियाड़ा जमीन का रिपोर्ट देने के लिए कहा सीओ के रिपोर्ट के आधार पर सेंट्रल टीम भारत सरकार को रिपोर्ट करेगी ।गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर में चुनावी दौरे के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना की घोषणा की है। भारत सरकार ने बिहार सरकार से विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर जमीन मांगा था ।
जिसके बाद जिला प्रशासन ने कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर परशुरामचक और एकडारा पंचायत के 200 एकड़ जमीन चिन्हित कर भारत सरकार को भेजा है । उसी चिन्हित जमीन का आज दूसरी बार केंद्रीय टीम स्थल निरीक्षण किया है। सेंट्रल टीम ने विक्रमशिला महाविहार से सटे अंतिचक पंचायत के मलकपुर मौजा की जमीन को सबसे उपयुक्त जमीन माना है, जबकि दूसरे नंबर पर बियाड़ा की जमीन को रखा है । दोनों जमीन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में शामिल नहीं है । इसलिए केंद्रीय टीम को दोनों जमीन पसंद आया है ।
टीम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी साउथ बिहार के वाइस चांसलर श्री केएन सिंह, यूजीसी के संयुक्त सचिव जितेंद्र कुमार त्रिपाठी, शिक्षा मंत्रालय के निदेशक सुभाष चंद्र शारु, शिक्षा मंत्रालय के अवर सचिव पीके सिंह तथा सीपीडब्ल्यू के चीफ इंजीनियर यूएन विवेक शामिल थे। टीम के साथ कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी मधुकांत, भूमि सुधार उप समाहर्ता तथा अंचलाधिकारी विक्रमशिला मिडिया ग्रुप के पवन कुमार चौधरी मौजूद थे, जो टीम के सदस्यों को अद्यतन स्थिति से वाकिफ करा रहे थे।
- बालकृष्ण कुमार, उजागर मीडिया ब्यूरो, कहलगांव।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें