महागामा: प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालय महागामा में अधिकतर कर्मी एवं अधिकारी अपने कार्यालय से अक्सर नदारद दिखे। जिस कारण आमजनो को भारी फजीहत झेलनी पड़ी।
अंचल कार्यालय व प्रखंड कार्यालय में आए ग्रामीण मु०हबीब,सरवर,मिथलेश कुमार,ललन कुमार,सिद्दीक आदि दर्जनों लोगों ने कहा कि एक तो हमलोग 20 से 22 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी समस्या को लेकर प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालय आते है।लेकिन दूरी तय करने के बाद उसे समस्या के निदान के बजाय उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ता है।
ग्रामीण प्रखंड कार्यालय जाने में तकरीबन 50 से 60 रुपये किराया देकर कार्यालय जाते हैं। साथ ही लोगों ने कहा कि अंचल एवं प्रखंड कार्यालय के स्वच्छ भारत मिशन कार्यालय,मनरेगा, अंचल के कर्मचारियों की भी उपस्थिति शून्य थी। आधे से अधिक कर्मी अपने कार्यालय से बाहर रहते है और कार्यालय में ताला लटका रहता है।
मिली जानकारी के अनुसार महागामा प्रखण्ड एवं अंचल कार्यालय के कर्मी मंगलवार को भी नदारद दिखे और कार्यालय में ताला लटका मिला। जिससे कि दूर दराज से ग्रामीण क्षेत्र के आए ग्रामीणों की समस्या का समाधान नही हो पाता है। और ग्रामीण निराश होकर बेरंग लौट जाते है। कर्मी के इस मनमाने रवैये से आमजन त्रस्त है। लेकिन इसका सुध लेने वाला कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है।
आखिर ग्रामीणों को दूरी तय करने के बाद भी बेरंग क्यों लौटना पड़ता है। फरियाद लेकर जाने वाले कार्यालय में लटके ताले को देखकर उन्हें बेरंग वापस लौटना पड़ जाता है। कर्मियों की इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है।
जब इस सम्बंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण चौधरी से फोन पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कुछ कर्मी जिला मुख्यालय गए हुए थे कुछ क्षेत्र में निकले हुए थे।
वही महागामा अंचलाधिकारी
रंजन यादव ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है कुछ कर्मचारी क्षेत्र में गए हुए थे।
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