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संक्रमित बछड़ा |
गोड्डा:महागामा प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर, कोयला,सारथु सहित आसपास के कई गांवों में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी से गाय और बछड़ों के संक्रमित होने की खबरों ने पशुपालकों की चिंता और बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों में कई पशुओं में तेज बुखार, त्वचा पर दर्दनाक गांठें, भूख में कमी और कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिले हैं।
पशुपालकों के अनुसार, शुरुआती दिनों में यह बीमारी कुछ ही मवेशियों तक सीमित थी, लेकिन अब यह कई घरों के गाय-बछड़ों में फैल चुकी है। गांव के पशु चिकित्सकों का कहना है कि लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो मुख्यतः मच्छरों, मक्खियों और अन्य कीटों के माध्यम से फैलता है। इस रोग के कारण पशु का दूध उत्पादन काफी कम हो जाता है, शरीर पर गांठें बनने लगती हैं, और गंभीर स्थिति में पशु की जान भी जा सकती है।संक्रमण फैलने से परेशान पशुपालकों ने पशुपालन विभाग से गांव का दौरा कर बीमार पशुओं के इलाज और स्वस्थ पशुओं के लिए टीकाकरण की मांग की है। उनका कहना है कि लगातार इलाज और दवा पर खर्च होने से आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है।
स्थानीय किसान मोहम्मद रईस ने बताया, हमारे एक गाय और दो बछड़े बीमार हैं। इलाज चल रहा है, लेकिन डर है कि बाकी मवेशियों में भी यह वायरस न फैल जाए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि जल्द से जल्द टीकाकरण अभियान तेज किया जाए, ताकि बीमारी को और फैलने से रोका जा सके।गांव के अन्य पशुपालकों ने भी बताया कि लंपी वायरस से न केवल दूध उत्पादन में कमी आ रही है,बल्कि पशुओं की कमजोरी के कारण उनकी काम करने की क्षमता भी घट गई है।
इससे किसानों की आय पर सीधा असर पड़ रहा है।स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पशुपालन विभाग से मांग की है कि दवा और चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, संक्रमित पशुओं का अलग से इलाज किया जाए, और गांव में नियमित रूप से कीट-नियंत्रण का छिड़काव कराया जाए। उनका मानना है कि समय रहते अगर सही कदम नहीं उठाए गए, तो यह बीमारी पूरे इलाके में फैल सकती है, जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
-जावेद रजा,ब्यूरो रिपोर्ट,उजागर मीडिया
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