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फाइल फोटो |
ब्यूरो रिपोर्ट-जावेद रजा
गोड्डा: महागामा प्रखंड के कस्बा गांव स्थित प्राइवेट मदरसा जामिया आयशा लिल बनात में एक छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। घटना के बाद से लोगों आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रही है और लगातार कार्यवाही करने की मांग की जा रही हैं लेकिन इस बीच सबको पोस्टमार्टम जांच रिपोर्ट और प्रशासनिक कार्यवाही का इंतजार है। प्रशासनिक अधिकारी भी इस घटना की गुत्थी सुलझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
दरअसल घटना के बाद से ही मदरसे की सुरक्षा व्यवस्था,प्रबंधन और जिम्मेदार लोगों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस मदरसे में 500 से अधिक छात्राएं रह रही थीं, लेकिन यहां महिला वार्डन की नियुक्ति नहीं थी। छात्राओं की देखरेख का जिम्मा केवल चार महिला शिक्षिकाओं पर था,जिनमें से अधिकांश शिक्षिकाएं हेड मौलवी के परिवार की रिश्तेदार थीं।जिस कारण घटना के बाद मदरसा प्रबंधन को कठघरे में लाकर खड़ा कर दी है।
महिला वार्डन की कमी और अव्यवस्थित प्रबंधन
मदरसे में रहने वाली महिला रसोइया खाना बनाने के बाद रोजाना अपने घर लौट जाती थी। ऐसे में रात के समय छात्राओं की देखरेख और निगरानी का कोई ठोस प्रबंध नहीं था। सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने के लिए महिला वार्डन की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रबंधन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। घटना के दिन भी इसी तरह महिला रसोइया खाना बनाकर घर लौट गई थी, जिससे छात्राओं पर सीधा नजर रखने वाला कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था।
घटना के बाद हेड मौलवी और भाई फरार
छात्रा की मौत के बाद से मदरसे के हेड मौलवी और उसका भाई फरार हो गए हैं। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी है। हालांकि पुलिस ने मदरसा के कुछ लोगों को पूछताछ के लिए ले गई है। मृतका के परिजनों का आरोप है कि छात्रा की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और मदरसा प्रबंधन इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रहा है। पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
घटना के बाद मंत्री का बयान
झारखंड सरकार की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए कार्यवाही की थी मांग,उन्होंने कहा था की बच्ची का संदिग्ध परिस्थिति में मौत का मामला संगीन है,इसकी निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
घटनास्थल पर पहुंच राज्य महिला आयोग ने कहा था
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कुमारी ममता ने घटना को बेहद संवेदनशील बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के बीच महिला वार्डन का न होना गंभीर लापरवाही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग इस मामले की गहराई से जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल एक छात्रा की मौत का है, बल्कि यह छात्राओं की सुरक्षा और मदरसे के प्रबंधन की पोल खोलने वाला है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि मदरसे में छात्राओं की संख्या बहुत अधिक है,लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। महिला वार्डन और प्रशिक्षित स्टाफ की अनुपस्थिति में किसी भी वक्त ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।
जांच जारी,कार्रवाई की तैयारी
मृतिका के परिजनों के आवेदन के बाद हेड मोलवी समेत उनके भाइयों पर मामला दर्ज किया गया है।लेकिन फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच का इंतजार है। वहीं पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम लगातार मामलें की गुत्थी सुलझाने में लगी हुई,प्रशासनिक टीम मृतिका के घर बिहार के सनोखर थाना क्षेत्र के कुशहापुर जाकर गहनता पूर्वक पूछताछ किया है साथ ही मदरसे का भी निरीक्षण कर वहां के शिक्षकों से लगातार पूछताछ कर रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि सभी शिक्षिकाओं और प्रबंधन से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही हैं। कही जाय तो प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। महागामा में इस घटना ने एक बार फिर से छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षा संस्थानों में निगरानी व्यवस्था को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है।
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