डेस्क/गोड्डा : झारखंड के जननायक और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक अध्यक्ष शिबू सोरेन का सोमवार सुबह दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस दुखद समाचार की पुष्टि की। उन्होंने लिखा – “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए। आज मैं शून्य हो गया हूं।”
झारखंड की राजनीति और आदिवासी समाज के सबसे बड़े नेता के निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर है। राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक,सभी स्तब्ध हैं। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने गुरुजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही रूप में अपूरणीय क्षति है। झारखंड के लोग उन्हें हमेशा एक संघर्षशील नेता, जननायक और मार्गदर्शक के रूप में याद करेंगे
दिशोम गुरु का सफर – संघर्ष से अलग राज्य तक
11 जनवरी 1944 को तत्कालीन हजारीबाग जिले (वर्तमान रामगढ़) के नेमरा गांव में जन्मे शिबू सोरेन का बचपन संघर्षों से भरा रहा। उनके पिता शोभराम सोरेन की हत्या के बाद उन्होंने समाज और राजनीति की राह चुनी। 23 जनवरी 1975 को उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की।
उनके नेतृत्व में चले लंबे आंदोलन के बाद 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ।
राजनीतिक जीवन
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। पहली बार 27 मई 2004 से 2 मार्च 2005 तक, दूसरी बार 30 अगस्त 2008 से 12 जनवरी 2009 तक और तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 से 31 मई 2010 तक उन्होंने राज्य की कमान संभाली।
वे दुमका लोकसभा सीट से आठ बार सांसद चुने गए – 1980, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में। 2020 में वे राज्यसभा पहुंचे।
बीमारी से लंबी जंग
पिछले कई वर्षों से शिबू सोरेन की तबीयत लगातार खराब चल रही थी।
- जनवरी 2025 : अपने जन्मदिन पर भी वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए।
- फरवरी 2025 : सांस लेने में तकलीफ के कारण पहले रांची और फिर एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया।
- जून 2025 : 19 जून को किडनी की समस्या और हल्के स्ट्रोक के बाद उन्हें सर गंगा राम अस्पताल भर्ती किया गया। ICU में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चला।
- जुलाई 2025 : स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव जारी रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कई नेताओं ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल लिया।
- अगस्त 2025 : एक अगस्त को हालत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा।
4 अगस्त 2025 को सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
जननायक को श्रद्धांजलि
झारखंड आंदोलन के अग्रदूत और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से मशहूर शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज के हक और अधिकार की लड़ाई को जीवन भर अपना उद्देश्य बनाया। उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया।
मुख्य तिथियां –
- 11 जनवरी 1944: जन्म, नेमरा (रामगढ़)
- 23 जनवरी 1975: झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना
- 15 नवंबर 2000: झारखंड राज्य का गठन
- 27 मई 2004: पहली बार मुख्यमंत्री बने
- 30 अगस्त 2008: दूसरी बार मुख्यमंत्री
- 30 दिसंबर 2009: तीसरी बार मुख्यमंत्री
- 2020: राज्यसभा सांसद
- 4 अगस्त 2025: निधन,गंगा राम अस्पताल, दिल्ली
झारखंड में आज शोक की लहर है। दिशोम गुरु की विरासत झारखंड की मिट्टी और लोगों की यादों में सदैव जीवित रहेगी।
रिपोर्ट:-जावेद रजा,उजागर मीडिया
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