पटना में नकली आलू का भंडाफोड़ : गेरुआ मिट्टी और केमिकल से बन रहे थे 'नए आलू'

 

आलू की जांच करते अधिकारी


पटना डेस्क : राजधानी पटना में खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने नकली और केमिकलयुक्त आलू के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ किया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार के नेतृत्व में मीठापुर और मीनाबाजार मंडी में छापेमारी की गई, जिसमें दो ट्रक आलू जब्त किए गए। जांच में खुलासा हुआ कि पुराने आलू को गेरुआ मिट्टी और खतरनाक रसायनों के प्रयोग से नया और चमकदार दिखाकर बाजार में बेचा जा रहा था। यह तरीका न केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा करता है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से रोज सुबह करीब छह बजे ट्रकों में आलू लाए जाते थे। इसके बाद मंडी में नौ बजे तक स्थानीय व्यापारी इन्हें खरीदकर पटना शहर के विभिन्न मुहल्लों में सप्लाई करते थे। टीम ने संदिग्ध आलू को जब्त कर प्रयोगशाला भेज दिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इन पर इस्तेमाल किए गए केमिकल्स पेट और लिवर संबंधी बीमारियां पैदा कर सकते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि नकली आलू की पहचान उपभोक्ता आसानी से कर सकते हैं। इनमें तेज रासायनिक गंध आती है, सतह जरूरत से ज्यादा चमकदार होती है और ये सामान्य से जल्दी, दो दिन के भीतर खराब हो जाते हैं। साथ ही असली आलू की तुलना में इनमें प्राकृतिक स्वाद और खुशबू नहीं होती। काटने पर आलू का अंदर-बाहर का रंग मेल नहीं खाता और कई बार ये पानी में तैर भी जाते हैं, जबकि असली आलू हमेशा डूबते हैं।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि वे खरीदारी करते समय सतर्क रहें और संदिग्ध आलू मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचना दें। विभाग का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो सके।


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