साक्ष्य के अभाव में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह बाइज्जत बरी,कार्यकर्ताओं में खुशी

 


गोड्डा: बीते साल भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 में दर्ज एक पुराने मामले में आज बड़ा फैसला आया है। महागामा थाना में दर्ज उस एफआईआर में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह समेत अन्य छह लोगों को आरोपित किया गया था। यह मामला राजनीतिक विरोध के दौरान दर्ज हुआ था, जिसे कांग्रेस ने शुरू से ही झूठा और राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया था।गुरुवार को एमपी/एमएलए विशेष न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि प्रस्तुत साक्ष्य आरोपों को सिद्ध करने में असमर्थ रहे।फैसले के बाद मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा, “सच्चाई की जीत हुई है, यह न्याय व्यवस्था में हमारे विश्वास को और मजबूत करता है।” इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। कार्यकर्ताओं ने महागामा और आसपास के क्षेत्रों में मिठाइयाँ बांटकर अपनी खुशी जाहिर की।कांग्रेस जिला अध्यक्ष याहया सिद्क्की,यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष मिनहाजुल हक,दुमका जिला कांग्रेस अध्यक्ष स्टीफन माकरो, श्यामल किशोर सिंह ,प्रवीण मिश्रा,प्रिंस झा, प्रहलाद यादव, सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री दीपिका पांडेय सिंह को बुके भेंट कर बधाई दी। स्थानीय राजनीतिक हलकों में भी इस फैसले को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह फैसला साबित करता है कि विपक्ष ने झूठे मामलों के जरिए राजनीतिक बदनाम करने की कोशिश की थी।

-जावेद रजा,ब्यूरो रिपोर्ट,

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