ये मिट्टी का घर नही बल्कि हमारे सिस्टम पर करारा तमाचा है, सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल

 


गोड्डा : कहावत है जब किस्मत खराब हो तो अपने भी साथ छोड़ जाते है। यह दुनियां मतलबी लोगो का महज बाजार बनकर रह गयी है। यह वह दुनियां है साहब, जहाँ तरह तरह के मिसालें कायम की जाती है, फिर कुछ ही घण्टो में सब कुछ ढह जाता है। जहां बेटा अपने बाप को बुढ़ापे में साथ लेकर नही चल सके तो इससे बुरा दिन शायद ही इस जिंदगी में किसी ने देखो हो। 


जिस बच्चे के लिए पिता तरह तरह के ठोकरें खाकर अपने बच्चों को मायूस तक होने नही देते। बच्चों की जिद के आगे मां बाप अपने सभी अरमान को वहीं दफन कर देते है। बच्चों की हर जिद को मां बाप पूरा करते है। लेकिन जिस माँ बाप ने बड़ी लाड प्यार से जिस बच्चों की जिंदगी सँवारी, उसको क्या पता की वह मेरे बुढ़ापे का सहारा नही बनेंगे। दो बेटे रहने के बावजूद वृद्ध को अकेला तन्हा घर मे छोड़ दिया, दो जून की रोटियां खाने के लाले पड़ जाएंगे। 


यह पूरा मामला गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत खोरद पंचायत के ग्राम शहजादपुर की है। जहां एक 80 वर्षीय वृद्ध मिट्टी की बने टूटे फूटे घर मे रहने को विवश है। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल तस्वीरों में टूटी - फूटी मिट्टी का मकान शहजादपुर निवासी शेख चुलाय का बताया जा रहा है। आगे यह भी बताया जाता है कि शेख चुल्हाय को दो बेटे थे लेकिन दोनों उसे अकेला छोड़ दिये है। ऐसे में शेख चुल्हाय फूंस से बनी घर मे ही गुजर बसर करने को विवश हो गए हैं। न तो इसके पास राशनकार्ड है और न ही प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया गया है। 


प्रधानमंत्री आवास की बात करें तो अक्सर जरूरतमंद ही इस योजना से वंचित हो रहे है। कहीं न कहीं जरूरतमंद को इस योजनाओं से नजरअंदाज कर दिया जा रहा है। गौरतलब हो कि सोशल मीडिया पर वृद्ध शेख चुल्हाय की तस्वीर वायरल होने के बाद कइयों ने मदद को हाथ आगे बढ़ाए। तस्वीर देखते ही किसी की भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे, मगर हमारे सिस्टम को इन सब चीजों से कोई फर्क नही पड़ता। अगर फर्क पड़ता तो आज ये तस्वीर दिखाने की जरूरत नही पड़ती।


- उजागर मीडिया टीम, गोड्डा।

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