बिहार में खत्म हुई चुनावी जंग, अब इन - इन राज्यों में बजेगा चुनावी बिगुल



नई दिल्ली : कोरोना वायरस संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया आखिरकार शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो गई है।  नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार का गठन राज्य में हो गया है। बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है, जहां आगामी वर्ष 2021 में चुनाव कराया   जाना हैै। इनमें बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं. इन पांच राज्यों में से कांग्रेस और बीजेपी की एक-एक राज्य में सरकार है जबकि बंगाल में टीएमसी तो केरल में लेफ्ट दल काबिज हैं. जानिए किस राज्य में किस सियासी पार्टी की साख दांव पर लगी है. 


पश्चिम बंगाल में

विधान सभा कार्यकाल: मई 2021 तक

विधान सभा की सीटें: 294 

सत्तारूढ़ दल: तृणमूल कांग्रेस

मुख्यमंत्रीः ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में भी अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं. यहां पिछले 10 साल से ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं. यहां 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतने में सफल रही थी. वहीं, कांग्रेस ने 44 और वामपंथी दलों ने 26 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी को महज तीन सीटों पर ही जीत मिल सकी थी. वहीं, अन्य दलों ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी. अब यह देखने वाली बात होगी कि बंगाल में बीजेपी फेक्टर इस बार कितना सफल हो पाती है। एक तरफ ममता है तो दूसरी तरह मोदी - अमित शाह की जोड़ी मैदान में होंगी।

 

असम

विधान सभा का कार्यकाल: मई 2021 तक

विधान सभा की सीटें: 126 

सत्तारूढ़ दल: बीजेपी

मुख्यमंत्री: सर्वानंद सोनोवाल 

असम में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां की सत्ता पर पिछले पांच साल से एनडीए का कब्जा और बीजेपी नेता सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री हैं. यहां 2016 के चुनाव में बीजेपी को 60 सीटें मिली थीं जबकि उसकी सहयोगी असम गढ़ परिषद ने 14  और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट ने 12 सीटें जीती थीं. वहीं, कांग्रेस ने असम की 122 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 26 सीटों पर कब्जा किया था जबकि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AUIDF ने 74 सीटों पर चुनाव लड़कर 13 सीटें जीती थीं. इसके अलावा एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी. 


केरल

विधान सभा का कार्यकाल: मई 2021 तक

विधान सभा की सीटें: 140

सत्तारूढ़ दल: सीपीआई (एम) नेतृत्व वाले एलडीएफ

मुख्यमंत्री:  पिनराई विजयन

 केरल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. पिछले चुनाव में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) का कब्जा है. यहां 2016 के चुनाव में एलडीएफ ने 91 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. इसके अलावा दो सीटें अन्य को मिली थी. 


तमिलनाडु

विधान सभा का कार्यकाल:

मई 2021 तक

विधान सभा की सीटें: 234

सत्तारूढ़ दल: AIDMK

मुख्यमंत्री:  ई पलानीस्वामी

तमिलनाडु में अगले साल शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां की सत्ता पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का 10 साल से कब्जा है. 2016 के  विधानसभा चुनाव में AIADMK ने 136 जीती थीं जबकि मुख्य विपक्षी दल डीएमके को 89 सीटें मिली थी. इसके अलावा बाकी 11 सीटें अन्य के खाते में गई थीं. 


पुडुचेरी

विधान सभा का कार्यकाल: मई 2021 तक

विधान सभा की सीटें: 30

सत्तारूढ़ दल: कांग्रेस

मुख्यमंत्री: वी नारायणसामी


केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां की सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा है. पुडुचेरी के 2016 चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं. वहीं, ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ आठ सीटें जीती थीं. अन्य के खातों में सात सीटें मिली थी.

इन पांच राज्यो की विधानसभा चुनाव पर पूरे देश भर के लोगो ने नजर गड़ाई हुई है। बीजेपी के धुरंधर अब इन सभी राज्यो में ताबड़तोड़ मेहनत करना चाहेगी। ताकि लगभग सभी राज्यो में अपनी सत्ता काबिज कर सके। वहीं जहां तक बंगाल की बात है तो वहां दस वर्षों से टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी सत्ता पर काबिज है। ऐसे में उनको टक्कर देना इतनी आसान नही होगा। बंगाल में बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव चुनौतियों से भरी होगी। 

- ब्यूरो रिपोर्ट, उजागर मीडिया। 

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